आईएटीए ने बयान में कहा कि एयरलाइंस को लंबे समय से जारी परंपरा को कायम रखने की अनुमति दी जानी चाहिए। एयरलाइंस कारोबार विशिष्ट तरीके का होता है। एक बार किसी उड़ान की रवानगी के बाद उस उड़ान में मौजूद खाली सीटों की बिक्री नहीं की जा सकती। ओवरबुकिंग से तात्पर्य एयरलाइंस को किसी उड़ान की कुल सीटों से अधिक की बुकिंग की अनुमति देने से है। (भाषा)