मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद ने किया जम्मू बंद का आव्हान
मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती का बयान, अमरनाथ यात्रा रोकने के लिए किया हमला
मुफ्ती की घोषणा, हमले के बावजूद अमरनाथ यात्रा जारी रहेगी
पुलिस सूत्रों के अनुसार गुजरात के मेहसाणा की बस पर हमला किया गया
गुजरात की इस बस का नंबर है GJ 09 9976
दक्षिण कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर आतंकियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर फायरिंग की। दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 5 लोगों की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई। आतंकी हमले के बाद श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर यातायात बंद है।
आतंकियों ने तीर्थयात्रियों की एक बस को भी निशाना बनाया और उस पर अंधाधुंध फायरिंग की। बस के बारे में बताया जा रहा है कि वह काफिले का हिस्सा नहीं थी और न ही अमरनाथ श्राइन बोर्ड में उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था। यह बस गुजरात की थी।
अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि घायलों में से कईयों की दशा नाजुक बताई जा रही है। खबरों के अनुसार मोटर साइकिल पर सवार आतंकियों ने इन यात्रियों पर हमला बोला था।
हालांकि पुलिस महानिरीक्षक के मुताबिक, आतंकियों के हमले का निशाना अमरनाथ श्रद्धालु नहीं थे बल्कि उन्होंने पुलिस तथा सेना के काफिले पर हमला बोला था और यह यात्री बस क्रास फायर में जा फंसी थी। समाचार लिखे जाने तक मृतक श्रद्धालुओं की पहचान नहीं हो पाई थी।
उल्लेखनीय है कि कि सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे को लेकर आगाह किया था। पिछले साल हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही घाटी में हालात खराब हैं। इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान वानी की पहली बरसी भी पड़ी थी।
खुफिया रिपोर्ट्स के बाद अमरनाथ यात्रा की जबरदस्त सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के करीब 80 हजार जवानों को यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। गृहमंत्री ने जम्मू कश्मीर सरकार को पूरी मदद का आश्वासन दिया।
वर्ष 1993 के बाद से अमरनाथ यात्रा पर हुए हमलों का विवरण
1- वर्ष 1993 : बाबारी मस्जिद प्रकरण को मुद्दा बना हरकतुल अंसार ने अमरनाथ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया। अमरनाथ यात्रा पर दो हमलों मंे तीन लोग मारे गए।
2- वर्ष 1994 : पुनः हरकतुल अंसार ने यात्रा पर प्रतिबंध लागू कर दिया। एक हमला किया गया यात्रियों पर जिसमें दो की मौत हो गई।
3- वर्ष 1995 : लगातार तीसरे वर्ष हरकतुल अंसार ने यात्रा पर प्रतिबंध लागू कर दिया। तीन हमले किए गए परंतु आतंकवादी किसी की जान नहीं ले पाए।
4- वर्ष 1996--इस बार भी आतंकवादियों की ओर से नाकामयाब हमले किए गए अमरनाथ यात्रा पर लेकिन किसी को कोई क्षति नहीं पहुंचा पाए लेकिन मौसम के खराब होने तथा बर्फबारी के कारण जो अमरनाथ त्रासदी हुई उसने 300 श्रद्धालुओं की जान ले ली।
5-वर्ष 2000 : आतंकवादियों द्वारा पहलगाम के करीब आरू नामक स्थान पर हुए किए गए हमले में 32 श्रद्धालुओं सहित 35 लोग मारे गए।
6-वर्ष 2001 : शेषनाग में आतंकवादी हमले में तीन पुलिस अधिकारियों समेत 12 श्रद्धालु मारे गए।
7-वर्ष 2002 : अमरनाथ यात्रा पर हुए दो अलग अलग हमलों में कुल दस श्रद्धालु मारे।
8-वर्ष 2003 : आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों को सीधे निशाना तो नहीं बनाया लेकिन यात्रा के दौरान ही कटड़ा में वैष्णो देवी के आधार शिविर पर हमला कर आठ श्रद्धालुओं को मार डाला और टांडा में सेना के एक ब्रिगेडियर को भी मार डाला।