अधिकारियों के मुताबिक दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के पहलगाम मार्ग और मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले के बालटाल मार्ग से दो जुलाई से यह यात्रा शुरू हुई थी जो कमोबेश शांतिपूर्ण रही। इस यात्रा के दौरान 3.52 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गुफा में शिवलिंग के दर्शन किए। ज्यादातर तीर्थयात्रियों ने 45 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग के बजाय 16 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा की।
पुलिस के अनुसार इस यात्रा के दौरान 30 यात्रियों और चार सुरक्षाकर्मियों समेत 41 लोगों की विविध कारणों से मौत हुई जिनमें दिल का दौरा ज्यादातर मामलों में मौत की वजह थी। अगले सप्ताह पहलगाम में लिड्डर नदी के तट पर पूजा और विसर्जन के पश्चात छड़ी मुबारक यहां दशनामी अखाड़े में अपने स्थायी आवास लौट आएगा। (भाषा)