उत्तर प्रदेश में योगी के साथ अमित शाह का 'यादव भोज'

सोमवार, 31 जुलाई 2017 (11:08 IST)
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस वक्त उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए 14 वर्ष से काम कर रहे सोनू यादव के घर पर उन्होंने भोजन किया। इसे लेकर मीडिया जगत में काफी चर्चा हो रही है।
 
सोनी यादव की मां, बाबूजी, पत्नी, मौसी और चाची ने अपनी पसंद के खाने बनाए थे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बड़े चाव से रायता खाया और इसकी खूब तारीफ की। अमित शाह के जाते ही गदगद सोनू बोले, 'मेरा तो जीवन धन्य हो गया।' लेकिन मीडिया जगत ने रायता खाने की बात को उत्तर प्रदेश में सियासत की प्लेट में रायता फैलाने से जोड़ दिया है।
 
देश भर में 110 दिनों की यात्रा पर निकले अमित शाह कई दलितों के घर में भोजन करते रहें है लेकिन अब किसी यादव के घर में भोजन करके उन्होंने यादवों को पार्टी से जोड़ने का अभियान छेड़ रखा है। मुलायम परिवार के झगड़े और सत्ता से बाहर होने से यूपी का यादव समाज हताश और निराश है। ऐसे में जातिवाद से उठकर यादव अब उत्तर प्रदेश के हित में 2019 में भाजपा की जीत तय करेंगे?
 
यूपी में 11% यादव वोटर हैं। अगर यादवों के एक तबके को भी भाजपा अपने से जोड़ पाई तो फिर 2019 में वोटों का प्रतिशत और भी बढ़ जाएगा। हालांकि विधानसभा चुनाव में भी यादव जाति के लोगों ने कुछ इलाकों में भाजपा के लिए भी वोट किया वरना इटावा से लेकर फिरोजाबाद तक समाजवादी पार्टी पिटती नहीं।
 
अमित शाह के मिशन यादव सिर्फ उत्तर प्रदेश तक ही सिमित नहीं है। बिहार में लालू यादव की साख अब नहीं रही। उन्होंने बहुत यादवों के वोट को भुना लिया। अब अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव के लिए यादव और मुसलमान को साथ रखना आसान नहीं होगा। पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में कई सांप्रदायिक झगड़े इन्हीं दोनों समुदाय के बीच हुए।
 
हालांकि अब देखना होगा कि अमित शाह अपने इस मिशन यादव में कितने सफल होते हैं। हालांकि उन्होंने पार्टी नेताओं को अगले तीन महीने के लिए यह टास्क दिया है कि पहला यह कि यादव जाति के वोटरों को जोड़ें, दूसरा नेता अपने अपने इलाकों में यादव समाज के खास लोगों की लिस्ट बनाएं और तीसरा यह कि यादवों से लाइव संवाद बनाए रखें और उन्हें पार्टी और सरकार के ओर से किए काम समझाएं।  

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