चिदंबरम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि एक ओर बिहार में 65 लाख मतदाताओं के मताधिकार से वंचित होने का खतरा है, तो दूसरी तरफ तमिलनाडु में 6.5 लाख लोगों को मतदाता के रूप में 'जोड़ने' की खबरें चिंताजनक व स्पष्ट रूप से अवैध हैं। उन्हें 'स्थायी रूप से प्रवासी' कहना प्रवासी श्रमिकों का अपमान है और अपनी पसंद की सरकार चुनने के तमिलनाडु के मतदाताओं के अधिकार में घोर हस्तक्षेप है।
उन्होंने कहा कि मतदाता के रूप में नामांकित होने के लिए किसी व्यक्ति के पास एक निश्चित और स्थायी मकान होना चाहिए। प्रवासी श्रमिक का बिहार (या किसी अन्य राज्य) में ऐसा मकान होता है। वह तमिलनाडु में मतदाता के रूप में कैसे नामांकित हो सकता है? निर्वाचन आयोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है और राज्यों के चुनावी चरित्र व तरीके को बदलने की कोशिश कर रहा है। शक्तियों के इस दुरुपयोग का राजनीतिक और कानूनी रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए।