Waynad landslide : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि केरल में भूस्खलन की विनाशकारी घटना से 7 दिन पहले ही राज्य सरकार को पूर्व चेतावनी दे दी गई थी। 23 जुलाई को NDRF की 9 टीमों को भी रवाना कर दिया गया था। राज्य सरकार यदि इन टीमों को देखकर भी अलर्ट हो गई होती तो काफी कुछ बच सकता था। ALSO READ: वायनाड में भूस्खलन ने ली 156 लोगों की जान, जिंदगी की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज
उच्च सदन में केरल के वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरणों का जवाब देते हुए शाह ने यह बात कही। उन्होंने वायनाड में हुए भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि चर्चा में कई सदस्यों ने पूर्व चेतावनी तंत्र की बात उठायी थी। उन्होंने कहा कि वह इस सदन के माध्यम से पूरे देश को बताना चाहते हैं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से पूर्व चेतावनी दे दी गई थी।
उन्होंने कहा कि 7 दिन पहले यह चेतावनी दिये जाने के बाद 24 एवं 25 जुलाई को फिर चेतावनी दी गई और 26 जुलाई को कहा गया कि 20 सेंटीमीटर से अधिक तथा भारी वर्षा होगी, भूस्खलन की आशंका है, गाद भी बहकर नीचे आ सकता है, लोग इसके अंदर दबकर मर भी सकते हैं।
शाह ने कहा कि वह इन बातों को सदन में नहीं कहना चाहते थे किंतु जब कुछ सदस्यों ने कहा, 'प्लीज लिसन अस (हमारी बात सुनिये), प्लीज लिसन अस... तो हमारा (सरकार का) कहना है, प्लीज रीड इट (चेतावनी को कृपया पढ़िए)। जो चेतावनी भेजी गई है, उसको पढ़िये जरा।'
उन्होंने कहा कि इस देश में कुछ राज्य सरकारें ऐसी रही हैं जिन्होंने पूर्व में इस प्रकार की पूर्व चेतावनी पर काम करके इस तरह की आपदाओं में किसी को हताहत नहीं होने दिया। उन्होंने ओडिशा की पूर्ववर्ती नवीन पटनायक सरकार को चक्रवात के बारे में 7 दिन पहले दी गई चेतावनी का उदाहरण दिया और कहा कि उस चक्रवात में केवल एक व्यक्ति की जान गई, वह भी गलती से। ALSO READ: राज्यसभा में उठा वायनाड भूस्खलन का मामला, सदस्यों ने की राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
शाह ने कहा कि गुजरात को इसी प्रकार चक्रवात की तीन दिन पहले चेतावनी दे दी गई और वहां एक पशु तक नहीं मरा। भारत सरकार ने 2014 के बाद पूर्व चेतावनी तंत्र पर 2000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं तथा 7 दिन पहले राज्यों को चेतावनी दी जाती है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चेतावनी वेबसाइट पर डाली जाती है जो सांसदों के लिए भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो यहां की साइटें खोलते ही नहीं हैं, बस, विदेश की साइटें खोलते रहते हैं। विदेश से तो पूर्व चेतावनी आएगी नहीं, हमारी ही साइट देखनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि गर्मी, तूफान, चक्रवात, वर्षा और यहां तक आकाशीय बिजली के बारे में भी पूर्व चेतावनी देने का तंत्र मौजूद है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने इस तंत्र का लाभ उठाया और उसके परिणाम मिले।
शाह ने सदन को आश्वासन दिया कि दलीय राजनीति को भुलाकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार केरल की जनता और केरल की सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।