सूत्रों के अनुसार तय कार्यक्रम के मुताबिक वाजपेयी के अस्थि कलश को पहले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम में रखा जाना तय हुआ था, लेकिन 18 अगस्त को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रसिंह रावत ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम कराने की घोषणा की। इसके बाद 19 अगस्त को शहरी विकास मंत्री के दबाव में आकर तीसरी बार कार्यक्रम के आयोजन स्थल को बदलकर भल्ला कॉलेज मैदान कर दिया गया।
आयोजन कार्यक्रम में किए गए बदलाव के कारण कार्यक्रम में अफरातफरी का माहौल बना रहा, जिससे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी नाराज दिखे और अस्थि कलश हर की पौड़ी पर पहुंचते ही श्रद्धांजलि सभा स्थगित कर अस्थि विसर्जन कर दिया गया। जिसे लेकर कई संतों ने भी नाराजगी जाहिर की।
सूत्रों के अनुसार डॉ. प्रणव पंड्या ने भी सूचना के बगैर कार्यक्रम में बदलाव पर अपनी नाराजगी के चलते इस पूरे कार्यक्रम से किनारा कर लिया और वह श्रद्धांजलि देने हर की पौड़ी भी नहीं गए। इस पूरे घटनाक्रम से नाराज शाह ने कौशिक को प्रेमनगर आश्रम में बुलाकर कड़ी फटकार लगाई और भविष्य के लिए चेतावनी भी दी। इस प्रकरण में मुख्यमंत्री की ठुलमुल नीति को लेकर भी नाराजगी देखी जा रही है। (वार्ता)