अमृतसर ब्लास्ट : एनआईए को हाथ लगे महत्वपूर्ण सुराग, एफआईआर दर्ज

सोमवार, 19 नवंबर 2018 (09:21 IST)
चंडीगढ़। रविवार को अमृतसर के राजासांसी में संत निरंकारी समागम के दौरान तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले की जांच एनआईए कर रही और इस बीच कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। पंजाब पुलिस के मुताबिक ग्रेनेड अटैक में शामिल पल्सर की पहचान हो चुकी है। इस सिलसिले में पुलिस के हाथ सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे हैं।


पुलिस का कहना है कि बहुत जल्द ही इस ग्रेनेड अटैक के गुनाहगार कानून की गिरफ्त में होंगे। स्थानीय लोगों को अलर्ट किया गया है। इसके साथ ही गांववालों से भी सहयोग की अपील की गई है। खबरों के मुताबिक दो साल पहले पल्सर बेची गई और इस संबंध में और जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा था कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि यह हमला आईएसआई के माध्यम से खालिस्तानी/ कश्मीरी आतंकी समूहों द्वारा किया गया है।

पुलिस टीमों ने कई जगहों पर छापे मारे हैं और उन्हें कुछ संदिग्ध चीजें मिले हैं। जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। इससे पहले शुक्रवार को खबर आई थी कि जैश ए मोहम्मद के खूंखार आतंकी जाकिर मूसा को पंजाब में देखा गया है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां हाईअलर्ट पर हैं।

खुफिया सूत्रों का कहना है कि 6-7 आतंकी पाकिस्‍तान के साथ लगने वाली सीमा से राज्‍य में दाखिल हुए हैं और उनकी योजना दिल्‍ली में घुसने की है। वे राष्‍ट्रीय राजधानी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।

मामले में एफआईआर दर्ज : रविवार को हुए इस ग्रेनेड हमला मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। परिसर के मुख्य गेट पर तैनात निरंकारी पंथ के स्वयंसेवक गगन के बयान पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस हमले में मुख्य उपदेशक सहित 3 लोगों की मौत हो गई और 23 अन्य घायल हो गए।

अमृतसर के राजासांसी के समीप अदलिवाला गांव में निरंकारी भवन में निरंकारी पंथ के धार्मिक समागम के दौरान यह विस्फोट हुआ। यह स्थान अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के समीप है। बाइक पर आए दो लोगों ने ग्रेनेड फेंका था। उनके चेहरे ढंके हुए थे।

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