उन्होंने कहा कि राम मंदिर हमारी अस्मिता और अस्तित्व का मुद्दा है। कोई ताकत हमें राम मंदिर निर्माण से नहीं रोक सकती। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मस्जिद तो सिर्फ नमाज पढ़ने का जरिया है। नमाज तो कहीं भी पढ़ी जा सकती है, पर भगवान राम की जन्मस्थली नहीं बदली जा सकती।
उन्होंने कहा कि आरोप लगाया जाता है कि 1992 में मस्जिद तोड़ी गई, लेकिन सच तो यह है कि हिन्दुओं ने नया मंदिर बनाने के लिए पुराने मंदिर को तोड़ा था। उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को छोड़कर सभी मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं। (भाषा)