जम्मू। बीएसएफ के जवानों ने बुधवार देर शाम सांबा के चक्क फकीरा की अग्रिम चौकी के समीप सुरंग के मुहाने को खोज निकाला। इसे घास से छिपाया गया था। जम्मू संभाग में पिछले 12 वर्षों के दौरान अब तक सीमा पर 13 सुरंगें बनाकर आतंकियों की घुसपैठ करवाने की कोशिशें नकारी गई हैं।
बीएसएफ के डीआईजी एसपीएस संधु का कहना है कि फिलहाल प्राथमिक जांच के दौरान ऐसा प्रतीत होता है कि यह सुरंग हो सकती है जो आईबी से सटी है। अंधेरे के कारण सही तरीके से इसकी जांच नहीं जा सकती है। ऐसे में अब कल यानी गुरुवार सुबह ही सुरंग की जांच की जाएगी और फिर इसके बारे में जानकारी दी जाएगी।
इंटरनेशनल बार्डर पर 2012 से अब तक 13 सुरंगों का पता लगाया जा चुका है। वर्ष 2012 और 2014 में अखनूर सेक्टर में दो सुरंगों का पता लगाया गया था। इसके अलावा, 2013 में सांबा सेक्टर में एक सुरंग मिली थी। वर्ष 2016 में दो और 2017 में भी दो सुरंगें मिली थीं।
जानकारी के लिए वर्ष 2016 में ही मार्च में भी बीएसएफ ने आरएसपुरा सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया था। अखनूर सेक्टर में भी यही हुआ था। आरएसपुरा सेक्टर में मिली सुरंग 22 फुट लंबी थी। इसे बनाने के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था।
वर्ष 2016 के दिसंबर महीने में भी बीएसएफ को जम्मू के चमलियाल में 80 मीटर लंबी और 2 गुणा 2 फुट की एक सुरंग मिली थी। तब बीएसएफ ने कहा था कि सांबा सेक्टर में मारे गए तीन आतंकियों ने इसी का इस्तेमाल किया था। फरवरी 2017 में भी रामगढ़ सेक्टर में एक सुरंग का पता लगाया गया था।
उसका एक सिरा भारत और दूसरा पाकिस्तान में था। अक्टूबर 2017 में अरनिया सेक्टर में भी एक सुरंग मिली थी। सुरंगें मिलने वाले स्थान से जम्मू-पठानकोट राजमार्ग करीब 10 किमी की दूरी पर है और रेल लाइन 3 से 4 किमी की दूरी पर है।