आज ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले कमलनाथ ने शाम को राज्य मंत्रालय में चर्चा की। सिख विरोधी दंगों के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने 1991 में भी मंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद आज यहां मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सिख विरोधी दंगों के मामले में उनके खिलाफ न तो कोई आरोप पत्र है और न ही कोई प्रकरण है। फिर क्यों उनका नाम घसीटा जाता है, यह राजनीति सब समझ सकते हैं।