डॉ. एपीजे कलाम, स्मृति शेष (देखें तस्वीरें)

गुरुवार, 30 जुलाई 2015 (13:23 IST)
रामेश्वरम की धरती के प्रसिद्ध सपूत और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके गृहनगर लाया गया। उनकी अंतिम झलक पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग अश्रुपूरित नेत्रों के साथ कतारों में खड़े रहे। गुरुवार को रामेश्वरम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया 

डॉ. कलाम के अंतिम संस्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। तिरंगे में लिपटे डॉ. कलाम के पार्थिव शरीर के समक्ष प्रधानमंत्री ने पुष्पांजलि अर्पित की और कुछ देर मौन खड़े रहकर उन्हें अंतिम सलाम किया। 






 

प्रधानमंत्री डॉ. कलाम के बड़े भाई 99 वर्षीय मोहम्मद मिरन लेब्बई माराइकर के पास गए और संवेदना प्रकट की।
 



नई दिल्ली से जब पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर रामेश्वरम लाया गया तो तमिलनाडु सरकार के मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। लोगों के चेहरे पर अपने चहेते पूर्व राष्ट्रपति के इस संसार से चले जाने का दुख साफ दिखाई दे रहा था।
मंगलवार को शिलांग में सैन्य कर्मियों ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी। 

मंगलवार को शिलांग में सैन्य कर्मियों ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नई दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की।
29 जुलाई, 2015 को अंतिम संस्कार के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पार्थिव देह को नई दिल्ली से डॉ. कलाम के निवास स्थान रामेश्वरम ले जाया गया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को नई दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि दी।
मुंबई में मंगलवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर छात्रों ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी। 
(चित्र सौजन्य: यूएनआई, पीआईबी, गिरीश श्रीवास्तव, रवि बत्रा) 

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