मंत्रालय के अनुसार इस परियोजना से भारत में एयरोस्पेस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और देशभर में फैले कई एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) विमान के कुछ हिस्सों के निर्माण में शामिल होंगे। उम्मीद है कि इससे उच्च कौशल वाले 600 रोजगार, 3000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार और मध्यम कौशल के अतिरिक्त 3000 रोजगार सृजित होंगे तथा 42.5 लाख से अधिक कार्य घंटे पैदा होंगे।(भाषा)