जनरल रावत अपना शताब्दी वर्ष मना रही कुमांऊ राइफल्स के सैनिकों, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों (ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए सैनिकों की विधवाओं) को सम्मानित करने के लिए यहां आए थे। उन्होंने इस मौके पर एक डाक टिकट भी जारी किया।
इस अवसर पर तीन कुमांऊ राइफल्स के जवानों की परेड का निरीक्षण करने के बाद अपने संबोधन में जनरल रावत ने कहा कि तीन कुमांउ राइफल्स और कुमांउ रेजीमेंट के जवानों और अधिकारियों द्वारा प्रथम विश्व युद्ध से लेकर आजादी के बाद लड़े गए युद्धों में दिखाई गई बहादुरी देश की सीमाओं की रक्षा करने में उनके अनुकरणीय योगदान का साक्ष्य है।
तीन कुमांऊ राइफल्स ने इस मौके पर आकर्षक परेड, बैंड डिसप्ले, डॉग शो और स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार हस्तशिल्प की प्रदर्शनी समेत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था। (भाषा)