आखिर क्या है अनुच्छेद 35A और कश्मीरियों को क्यों स्पेशल बनाता है...

शुक्रवार, 31 अगस्त 2018 (11:33 IST)
जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे के खिलाफ दिल्ली स्थित गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) वी द सिटिजन ने 
याचिका दायर की है। इस एनजीओ का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 35 (ए) और अनुच्छेद (370) से जम्मू-कश्मीर को जो विशेष दर्जा मिला हुआ है, वह शेष भारत के नागरिकों के साथ भेदभाव करता है। जबकि, कश्मीर के राजनीतिक और अलगाववादी संगठन इस अनुच्छेद में किसी भी तरह के बदलाव के खिलाफ हैं।
 
क्या है अनुच्छेद 35 ए :
क्यों हो रहा है विवाद : अनुच्छेद 35ए के प्रावधान जो कि जम्मू-कश्मीर के स्थानी नागरिकों को विशेष दर्जा एवं अधिकार देता है, उसे संविधान में संशोधन के जरिए नहीं बल्कि 'अपेंडिक्स' के रूप में शामिल किया गया है। एनजीओ के अनुसार अनुच्छेद 35ए को 'असंवैधानकि' करार दिया जाना चाहिए क्योंकि राष्ट्रपति अपने 1954 के आदेश से 'संविधान में संशोधन' नहीं करा सके थे। इस तरह यह एक 'अस्थायी प्रावधान' मालूम पड़ता है।

एनजीओ के मुताबिक यह अनुच्छेद कभी संसद के सामने नहीं लाया गया और इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस याचिका का विरोध किया है। जम्मू-कश्मीर सरकार का कहना है कि राष्ट्रपति को अपने आदेश के जरिए संविधान में नए प्रावधान को शामिल करने का अधिकार है।

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