शौरी ने एक परिचर्चा में कहा कि जैसा कि इस्लामी चरमपंथ में होता है, अगर कोई प्रवचन दे रहा है तो कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जब वे हथियार उठाकर जमीन कब्जा लेते हुए हैं तो यह असल समस्या बन जाती है। आपको उन्हें सैन्य तरीके से हराना होगा।
उन्होंने कहा, 'इसलिए लोकतंत्र में भी, इस तरह के बलों की हार चुनावी सुधार के जरिये होनी चाहिए। विपक्ष तथा अन्य के नेताओं को एक संकल्प लेना चाहिए कि भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ केवल एक उम्मीदवार।'