दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है। इसकी अधिसूचना ने एसीबी को दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई से रोक दिया था। उच्च न्यायालय का फैसला वरिष्ठ अधिकारियों के पदस्थापन और स्थानांतरण के साथ ही कुछ अन्य विवादास्पद मुद्दों पर आप की सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच तीखे संघर्ष के बीच आया है।
आप सरकार ने अधिसूचना पर चर्चा के लिए कल दिल्ली विधानसभा का आपातकालीन सत्र बुलाया है। इसने मुद्दे पर कानूनी रास्ता अख्तियार करने के भी संकेत दिए हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से 21 मई को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि उपराज्यपाल को सेवाओं, सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और जमीन से जुड़े मामलों में अधिकार होगा और वह अपने ‘विवेक’ का इस्तेमाल कर सेवाओं के मुद्दे पर जरूरी समझने पर मुख्यमंत्री से सलाह कर सकते हैं।