उन्होंने कहा कि जब भी विकास होता है तो पेड़ों को काटने, सड़क निर्माण, धूल उड़ने समेत अन्य वजहों से प्रदूषण भी होता है।
आंकड़े साझा करते हुए उन्होंने कहा कि 2016 में प्रदूषण का स्तर 26 दिन तक बहुत खराब रहा जब शहर गैस चैम्बर के समान बन गया था। उन्होंने कहा कि 2022 में ऐसे दिन केवल 6 थे। 2016 में प्रदूषण का स्तर 109 दिन तक आसमान साफ रहने के साथ खराब श्रेणी में था और बाहर हवा काफी अच्छी दर्ज की गई थी जबकि 2022 में ऐसे दिन 163 थे।