ओवैसी ने आउटलुक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा कि मैं हर उस चीज का विरोध करूंगा जो भारतीय संविधान के खिलाफ है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के वर्षों पुराने मुकदमे पर फैसला दिया है। फैसले में 5 जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से विवादित जमीन रामलला मंदिर के लिए देने की बात कही है। वहीं मुस्लिम पक्ष को अलग से 5 एकड़ जमीन देने के सरकार को निर्देश दिए हैं।
अयोध्या फैसले से जुड़े एक सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि यह 2 पक्षों के बीच एक सिविल मुकदमा था, जबकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कई लोगों का विश्वास है कि राम का जन्म बाबरी मस्जिद के गुंबद के नीचे हुआ था, जिसे 1992 में ध्वस्त कर दिया गया था। इसलिए मुझे लगता है कि यह कानून पर विश्वास की जीत है।