जोधपुर। नाबालिग से यौन उत्पीड़न के दोषी प्रवचनकार आसाराम को पहली बार जेल से मिले नाश्ते से ही संतोष करना पड़ा। जेल सूत्रों के मुताबिक अदालत द्वारा बुधवार को सुनाई गई सजा के बाद आसाराम बहुत बैचेन है और रात को वह काफी देर तक सो नहीं पाया। बताया जाता है कि अब आसाराम को पौधे की देखरेख और पानी देने का काम दिया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार आसाराम बुधवार रात जेल से मिला भोजन भी नही किया। सजा मिलने के बाद आसाराम की पहचान 130 नंबर कैदी के रूप में हुई है। कल तक अपने आश्रम की ओर से आने वाले खाने पर निर्भर रहने वाले आसाराम को अब जेल के नाश्ते और रोटियों पर ही रहना होगा। जेल नियमों के अनुसार सजा मिलने के बाद अब कैदी को जेल का ही भोजन करना होगा।
आसाराम ने सवेरे जेल प्रशासन की ओर से नाश्ते में मिले मूंगफली, चना और गुड का सेवन किया। सवेरे अन्य कैदियों की तरह ही उठाया गया। जेल अधीक्षक विक्रम सिंह ने बताया कि नियमों के तहत सभी कैदियों को कार्य बांटा जाता है लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए हल्का कार्य ही दिया जाएगा।