PM मोदी ने सुनाई 2 गुड न्यूज, Tweet कर बताई अच्छी खबर

बुधवार, 10 जून 2020 (18:37 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को दो अच्छी खबरें ट्‍वीट करके बताई हैं। प्रधानमंत्री ने ट्‍वीट में लिखा है कि गुजरात के गीर फोरेस्ट में रहने वाले एशियाई शेरों की आबादी करीब 29 प्रतिशत बढ़ी है। उनके रहने का दायरा भी 36 प्रतिशत बढ़ा है। इसके लिए गुजरात के लोग और वे सभी लोग बधाई के पात्र हैं जिनके प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हुई है। पीएम मोदी ने शेरों की तस्वीरों के साथ ट्वीट किया।
 

Two very good news:

Population of the majestic Asiatic Lion, living in Gujarat’s Gir Forest, is up by almost 29%.

Geographically, distribution area is up by 36%.

Kudos to the people of Gujarat and all those whose efforts have led to this excellent feat.https://t.co/vUKngxOCa7 pic.twitter.com/TEIT2424vF

— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2020
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से गुजरात में शेरों की संख्या लगातार बढ़ी है। यह जनसहभागिता, तकनीक के इस्तेमाल, वन्यजीवों के स्वास्थ्य की देखभाल, उचित पर्यावास प्रबंधन और मनुष्य तथा शेरों के बीच टकराव को कम के कम करने के प्रयासों का फल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उम्मीद है कि यह सकारात्मक रुझान जारी रहेगा।

एशियाई शेरों की संख्या 674 हुई : गुजरात के वन विभाग के मुताबिक गिर वन क्षेत्र में एशियाई शेरों की संख्या के साथ अब 674 हो गई है। विभाग ने 5 और 6 जून को पूर्णिमा में शेरों की संभावित संख्या की गणना शुरू की थी। हर 5 साल बाद होने वाली यह गणना मई में होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते इसे टाल दिया गया।
 
अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर : मई 2015 की गणना के अनुसार गिर में एशियाई शेरों की संख्या 523 थी। 2010 से 2015 के बीच इनकी संख्या में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 
 
‘पूनम अवलोकन’ (पूर्णिमा पर शेरों की गिनती की कवायद) में पता चला है कि शेरों की संख्या 29 प्रतिशत बढ़कर 674 हो गई है।यह अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर है। कुल 674 शेरों में 161 नर, 260 मादा, 116 व्यस्क शावक और 137 शावक हैं।
बेबसियोसिस के कारण 2 दर्जन शेरों की मौत : इस कवायद में यह भी पता चला है कि शेरों के इलाके में भी 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2015 के 22,000 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 2020 में 30,000 वर्ग किलोमीटर हो गया है। शेरों की गणना की इस कवायद में 1,400 कर्मी शामिल थे। हालांकि इस बीच कई शेरों की मौत भी हुई है। 
टिक (किलनी) जनित बीमारी 'बेबसियोसिस' के चलते बीते तीन महीने में क्षेत्र में करीब 2 दर्जन शेरों की मौत हुई है। इससे पहले अक्टूबर-नवंबर 2018 में कैनाइन डिस्टेम्पर वायरस (सीडीवी) के चलते 40 शेरों की मौत हो गई थी।

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