नई दिल्ली। पिछले चुनावों की तरह ‘उपयुक्त में कोई नहीं’ (नोटा) का विकल्प पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों में कुछ ही मतदाताओं ने चुना है। पुडुचेरी में मतदाताओं ने शेष चार राज्यों की तुलना में नोटा का विकल्प सबसे ज्यादा चुना। पुडुचेरी में कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन ने एआईएनआरसी से सत्ता छीनी है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पुडुचेरी में कुल मतदाताओं (13,240) में 1.7 प्रतिशत ने ‘नोटा’ का विकल्प चुना, जिसके बाद पश्चिम बंगाल में 1.5 प्रतिशत मतदाताओं ने यह विकल्प चुना है जहां तृणमूल कांग्रेस ने अपनी सत्ता कायम रखी है।
पश्चिम बंगाल में 8,31,836 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया, जो ईवीएम में आखिरी बटन के तौर पर था। तमिलनाडु में जे. जयललिता ने सत्ता कायम रखी है जहां 5,57,888 मतदाताओं (1.3 प्रतिशत) ने नोटा का विकल्प चुना।
असम में भाजपा सत्ता में आई है। वहां 1,88,978 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। कुल मतदाताओं में 1.1 प्रतिशत ने यह विकल्प चुना। केरल में एलडीएफ ने यूडीएफ को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है, जहां कुल मतदाताओं में 1,07,106 या 0. 5 प्रतिशत ने नोटा का विकल्प चुना।