उन्होंने बताया कि इस राशि में केंद्र सरकार द्वारा ड्यूटी पर शहीद हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों को 35 लाख, जोखिम कोष से 21.50 लाख और 'भारत के वीर' कोष से 15 लाख तथा एसबीआई अर्द्धसैनिक सेवा भुगतान बीमा कवर से 30 लाख रुपए शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों को विभिन्न सरकारी एवं गैरसरकारी एजेंसियों से भी वित्तीय सहायता मुहैया कराई जा रही है, यहां तक कि कुछ संस्थाओं ने इन कर्मियों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने की जिम्मेदारी भी ली है।
अधिकारी ने बताया कि सभी 40 परिवारों को 'लिबरेलाइज्ड पेंशन अवॉर्ड' (एलपीए) दिया जा रहा है और यह रकम शहीद जवान को मिले अंतिम मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते के बराबर है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में शहीद कर्मी के निकट परिजन को राज्य सरकारों ने नौकरी की पेशकश की है और वे सीआरपीएफ में अनुकंपा के आधार पर भी रोजगार पा सकते हैं।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में करीब 61 बटालियनें तैनात की हैं जिनमें लगभग 65,000 कर्मी हैं।