दरअसल 14 अगस्त को आतिशी ने विभाग को पिछले साल की तरह पूरे पेज का विज्ञापन देने का निर्देश दिया। मंत्री ने कहा था कि मुख्यमंत्री दिल्ली की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार के मुखिया हैं और उनकी तस्वीर लोकतंत्र और स्वतंत्रता के मूल्यों का प्रतीक है। मगर स्वतंत्रता दिवस पर जब विज्ञापन छपा तो उसमें केजरीवाल की तस्वीर नहीं थी।
14 अगस्त को एक नोट में, सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस किसी अन्य त्योहार की तरह नहीं है, यह व्यक्तियों को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रम नहीं है। खासकर अभूतपूर्व परिस्थितियों में जब प्रश्नगत व्यक्ति एक विचाराधीन कैदी है, जो कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार न्यायिक हिरासत में है।