अपने पत्र में घोष ने आरोप लगाया था कि 200 से अधिक लोगों की भीड़ लाठी और डंडों के साथ कोलकाता में भाजपा कार्यालय के सामने मौजूद थी और काले झंडे दिखा रही थी। उन्होंने यह दावा भी किया था कि कुछ प्रदर्शनकारी पार्टी कार्यालय के सामने खड़ी कारों पर चढ़ गए और नारेबाजी की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया।
घोष ने पत्र में यह दावा भी किया था, 'आज कोलकाता में उनके (नड्डा के) कार्यक्रमों के दौरान यह देखा गया कि सुरक्षा इंतजामों में गंभीर खामियां थीं। यह पुलिस विभाग की लापरवाही या फिर ढीले-ढाले रवैये के कारण था।'