अयोध्या में संभावित फैसले को लेकर मची है हलचल, अब फैसले का इंंतजार

देश की सर्वोच्च अदालत में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मसले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। बुधवार को सुनवाई का आखिरी दिन था। अब फैसले की घड़ी का ही इंतजार है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर जिसकी हलचल अभी से ही अयोध्या में देखने को मिल रही है। आम आदमी से लेकर साधु-संत, सभी को फैसले का बेसब्री से इंतजार है।
 
हालांकि सभी के आने वाले फैसले पर कयास लगा रहे हैं, लेकिन अयोध्या के संतों में राम मंदिर निर्माण को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं। संत समाज सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत कर गदगद महसूस कर रहा है। वहीं, बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी भी इस फैसले को सही ठहरा रहे हैं।
 
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इकबाल अंसारी का कहना है कि कोर्ट आज ही फैसला कर दे, हम उस फैसले को मानने के लिए तैयार हैं। वह अब इस फैसले को लेकर कोई राजनीति नहीं करना चाहते और न ही फैसले को लटकाना चाहते हैं।
 
राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का कहना है कि भगवान राम के जन्म स्थान को लेकर कोई संशय नहीं है। राम के लिए प्रमाण की जरूरत नही है। अयोध्या की सुंदरता और उसका अस्तित्व भगवान श्री राम से ही है। यदि कोई प्रमाण दे कि राम का जन्म कहीं और हुआ है तो बताएं। आज जहां श्री राम विराजमान हैं, वही उनका जन्म स्थान है। उस पर कुछ भी कहना मूर्खता और अज्ञानता ही होगी। 

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रामलला के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास ने सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई पूरी करने की डेडलाइन का स्वागत किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को इसके लिए धन्यवाद भी दिया है। अयोध्या मसला जटिल है। अब संत समाज फैसले के लिए आस लगाए हुए है। उन्होंने कहा कि अयोध्या विवाद पर निर्णय ऐतिहाशिक होगा। सितंबर 2010 को हाईकोर्ट ने जो निर्णय दिया था वह किसी को समझ नहीं आया था। सुप्रीम कोर्ट सूझबूझ से निर्णय देगा, ऐसा संतों को विश्वास है। 
 
विगत दिनों अयोध्या पहुंची बॉलीवुड गायिका अनुराधा पौडवाल ने भी रामजन्मभूमि का दर्शन करते हुए श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण की बात कही थी। तपस्वी छावनी के महंत परमहंस ने कहा कि जब अच्छे लोग मौन हो जाते हैं तो बुरे लोगों का बोलबाला हो जाता है। जिस तरह हनुमान जी लंका को जलाकर और सीता का पता लगाकर आए, उसी तरह हम धर्मगुरुओं ने हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए हनुमान जी को जगाने का काम किया है। अब हनुमान जी की कृपा से राम मंदिर बनेगा और बनकर रहेगा।
 
हिन्दू पक्षकार निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास ने कहा कि नवंबर में फैसला आता तो हम मंदिर बनाने की तैयारी में हैं। निर्मोही अखाड़े को ही सफलता मिलेगी, मध्यस्थता की बात उचित नहीं। भाजपा के फायरब्रांड नेता और पूर्व सांसद विनय कटियार ने कहा कि जो भी निर्णय आएगा वह ऐतिहासिक होगा। दूसरी ओर मुस्लिम पक्षकार- इकबाल अंसारी और हाजी महबूब ने कहा कि शीर्ष अदालत का जो भी फैसला होगा, वे उसे मानेंगे। 

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