पीठ ने गोविंदाचार्य की तरफ से पेश हुए वकील से कहा, हमें नहीं पता कि कार्यवाही की रिकॉर्डिंग या सीधे प्रसारण के लिए हमारे पास उपकरण हैं या नहीं। अदालत ने तत्काल सुनवाई करने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि मामले पर संस्थागत सुनवाई एवं विचार की जरूरत है।