अयोध्या। 25 नवंबर को अयोध्या में होने वाली धर्मसभा से पूर्व सोमवार को अयोध्या में विश्व हिन्दू परिषद ने बैठक कर शिला पूजन का कार्य शुरू किया, जिसमें विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चम्पत राय, केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास सहित अनेक साधु-संत उपस्थित रहे। इस मौके पर विहिप के चम्पत राय ने कहा कि 25 नवंबर को होने वाली धर्मसभा में एक लाख से अधिक हिन्दुओं के एकत्रित होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि हमें बड़ा दुःख हुआ यह सुनकर कि राम जन्मभूमि से भी ज्यादा और भी प्राथमिकताएं हैं सुप्रीम कोर्ट के लिए। इस एक वाक्य ने ही सारे देश को मथ दिया कहीं गुस्सा आया, कहीं आक्रोश आया तो कहीं उत्साह भी आया, सारे देश में हिन्दू समाज आक्रोशित और आल्हादित हो उठा, उसी का परिणाम है यह सभा। सारी दुनिया को इस समाज की प्राथमिकताएं समझनी चाहिए। अयोध्या का संत समाज व अयोध्या के भक्त 500 साल से इस स्थान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सारा देश ताला खुलने के बाद इस लड़ाई में शामिल हो गया। तीन लाख गांव इससे जुड़ गए, करोड़ों घरों में मंदिर के प्रारूप पहुंच गए। मंदिरों में लगने वाले आधे से ज्यादा पत्थर भी तराशे जा चुके हैं। 15 वर्षों तक हाईकोर्ट में मुकदमा चला जिसके बाद फैसला आया, जिसमें कहा गया कि मंदिर तोड़कर गुंबद बनवाया गया था और यह स्पष्ट हुआ कि वह जन्मभूमि का ही स्थान है, लेकिन कोर्ट ने भूमि के बंटवारे का निर्णय दिया था। हमने बंटवारे का केस नहीं दायर किया था।
जन्मभूमि बदली नहीं जाती, मंदिर तो लाखो होते हैं। इसके विरोध में हमने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया जिसका फैसला 2018 में ही आ जाता, लेकिन छलकपट कर इसे लोकसभा चुनाव के बाद टाल दिया गया। उन्होंने कहा कि हम 500 स्थानों पर सभाएं करेंगे जिसमें लाखों हिन्दू शामिल होंगे!