19 नवंबर को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक आयुर्वेद के डॉक्टर हड्डीरोग, नेत्र विज्ञान, नाक-कान-गला (ईएनटी) और दांतों से जुड़ी सर्जरी कर सकेंगे।
छात्रों को नेत्र, कान, नाक, गला, सिर और सिर-दंत चिकित्सा के विशेषज्ञ जैसी डिग्री भी दी जाएंगी। डॉक्टरों को ग्लुकोमा, मोतियाबिंद हटाने, स्तन की गांठों, अल्सर और पेट से बाहरी तत्वों की निकासी जैसा कई सर्जरी करने का अधिकार होगा।
नोटिफिकेशन के अनुसार, आयुर्वेद के पीजी कोर्स में अब सर्जरी को भी जोड़ा जाएगा। साथ ही अधिनियम का नाम बदलकर भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (स्नातकोत्तर आयुर्वेद शिक्षा) संशोधन विनियम, 2020 कर दिया गया है।