पतंजलि की ओर से पेश हुए सीनियर वकील मुकुल रोहतगी की तरफ से कहा गया कि हमने 67 अखबारों में हमने माफीनामा दिया है। इस पर हमने 10 लाख रुपए खर्च किए हैं। इस पर अदालत ने पूछा कि ये उतने ही साइज का माफीनामा है, जितना बड़ा आप विज्ञापन देते हैं? पीठ ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख तय की।
न्यायालय ने रामदेव और बालकृष्ण को 16 अप्रैल को हिदायत दी थी कि वे एलोपैथी को नीचा दिखाने का कोई प्रयास नहीं करें। न्यायालय ने उन्हें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापन के मामले में एक सप्ताह के भीतर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और पछतावा प्रकट करने की अनुमति दी थी। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि वह अभी उन्हें इस चरण में राहत नहीं देगी।