Hamdard case: योग गुरु रामदेव (Baba Ramdev) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि वह हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ अपनी 'शरबत जिहाद' टिप्पणी के समान कोई अपमानजनक बयान जारी नहीं करेंगे और न ही सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट प्रकाशित करेंगे। 1 मई को विवादास्पद ऑनलाइन सामग्री को हटाने का आदेश देने वाले न्यायमूर्ति अमित बंसल ने रामदेव के वकील से आज दिन में हलफनामा दायर करने को कहा।
शुक्रवार को हमदर्द के वकील ने कहा कि पहले के आदेश के अनुसार आपत्तिजनक यूट्यूब वीडियो को हटाने के बजाय प्रतिवादी ने इसे निजी बना दिया था। दूसरी ओर रामदेव के वकील ने कहा कि वह 'अदालत का बहुत सम्मान करते हैं' और उसके निर्देशों का पालन किया जाएगा। उन्होंने अदालत से मुकदमे को निस्तारित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि हमारे पास 24 घंटे हैं, हम अनुपालन करेंगे। इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 9 मई निर्धारित की। जब अदालत ने 1 मई को रामदेव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी तो उनके वकील ने आश्वासन दिया कि बाद में प्रकाशित कुछ आपत्तिजनक सामग्री को भी 24 घंटे के भीतर हटा दिया जाएगा।(भाषा)