लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि मेरा दिल भारी है, क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन भाजपा से शुरू किया था। मैं प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने मुझमे विश्वास दिखाया। उन्होंने कहा कि मैंने पूरी तरह से राजनीति छोड़ दी थी। मैंने सोचा कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तब मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब पश्चिम बंगाल के आसनसोल से 2 बार के सांसद ने तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के 2 दिन बाद 20 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर समय मांगा था ताकि वे सदन से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे सकें। बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वे इस सीट पर विजयी हुए, उस पार्टी के अब सदस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं।(भाषा)