PFI पर बैन, योगी बोले- ये है नया भारत, किसने की RSS पर प्रतिबंध की मांग?

बुधवार, 28 सितम्बर 2022 (12:09 IST)
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े 9 संगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। प्रतिबंध के बाद केरल, दिल्ली के शाहीन बाग समेत कई इलाकों में सुरक्षा सख्‍त कर दी गई है। भाजपा के साथ ही कई राज्यों ने PFI प्रतिबंध का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये है नया भारत तो केरल के एक कांग्रेस सांसद ने RSS पर भी प्रतिबंध की मांग कर दी।  

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को प्रतिबंधित किए जाने के केन्द्रीय गृह मंत्रालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि नए भारत में देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन और व्यक्ति स्वीकार्य नहीं हैं।
 
योगी ने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं हैं।
 
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस कदम से सभी राष्ट्र विरोधी तत्वों को संदेश जाएगा कि इस देश में उनके लिए कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश के लोगों और विपक्षी दलों माकपा, भाकपा और कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों की ओर से लंबे समय से यह मांग की जा रही थी। पीएफआई, सिमी और केएफडी (कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी) का अवतार है। ये राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और हिंसा में लिप्त थे।
 
इस बीच राजद प्रमुख लालू यादव ने भी पीएफआई पर बैन का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के संगठनों पर प्रतिबंध रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि RSS पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए।

केरल से कांग्रेस सांसद के सुरेश ने RSS की तुलना PFI से की। उन्होंने कहा कि PFI पर प्रतिबंध लगाना कोई उपाय नहीं है। पीएफआई और आरएसएस एक समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

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उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने पीएफआई तथा उससे संबद्ध संगठनों को गैर कानूनी क्रियाकलापों में लिप्त पाए जाने पर गैर कानूनी संगठन घोषित किया है। मंगलवार देर रात जारी अधिसूचना में संगठन पर तत्काल प्रभाव से 5 वर्ष तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
 
गृह मंत्रालय ने कहा है कि पीएफआई युवाओं, छात्रों, महिलाओं, इमामों, वकीलों और समाज के कमजोर वर्गों में पहुंच बढ़ाकर गुप्त एजेंडे के तहत एक वर्ग विशेष को कट्टर बना रहा है। संगठन का उद्देश्य लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करना और संविधान के खिलाफ कार्य करना है।

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