वास्तव में सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के 6 आइटम्स पर प्रतिबंध लगाने की योजना थी, लेकिन प्लास्टिक पर बैन लगाने से स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। इसका कारण यह है कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था में पहले से ही मंदी की स्थिति है और कुछेक उद्योगों में छंटनी जारी है तथा प्लास्टिक पर प्रतिबंध से स्थिति और बिगड़ जाने की आशंका है जिसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनावों में भी भुगतना पड़ सकता है।
दो सरकारी अधिकारियों के अनुसार सरकार प्लास्टिक बैग, कप, प्लेट, छोटे बोतल, स्ट्रॉ और कुछ चुनिंदा प्रकार के शैशे पर तुरंत रोक नहीं लगा रही है तथा इसके बदले सरकार लोगों को इन चीजों का इस्तेमाल रोकने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
लोगों को करेंगे जागरूक : पर्यावरण मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाह चंद्र किशोर मिश्रा ने कहा कि सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग के लिए सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। पहले चरण के अंतर्गत इसके नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। जागृति आने पर लोग खुद ही प्लास्टिक का इस्तेमाल छोड़ देंगे। दूसरे चरण में लोगों को इसका विकल्प उपलब्ध कराएंगे।
'स्वच्छ भारत' का ट्वीट : वहीं 'स्वच्छ भारत' की ओर से ट्वीट कर स्पष्टीकरण दिया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से 11 सितंबर 2019 को शुरू किए गए 'स्वच्छता ही सेवा' अभियान का मकसद सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करना नहीं, बल्कि इसके इस्तेमाल को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लाकर जन-आंदोलन बनाना है। इस ट्वीट में पीएमओ को भी टैग किया गया है।
उद्योग जगत का कथन : उधर उद्योग जगत का कथन है कि अगर बगैर स्पष्ट परिभाषा के प्रतिबंध को लागू किया गया तो उद्योग पर इसका कुछ प्रभाव पड़ेगा और उद्योग से सीधे तौर पर कार्यरत 5 लाख और अप्रत्यक्ष रूप से 50 लाख अन्य लोग अपनी आजीविका खो देंगे। इस उद्योग में वर्तमान में प्रत्यक्ष रूप से लगभग 1 करोड़ और अप्रत्यक्ष रूप से 10 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है।