वडोदरा। बैंक कर्मचारियों के संगठन ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने नकदी संकट के लिए सरकार और रिजर्व बैंक को आज जिम्मेदार बताते हुए आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। संगठन का कहना है कि बैंक शाखाओं तथा एटीएम में नकदी की कमी के कारण बैंक कर्मचारियों को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है।
उन्होंने नकदी की अपर्याप्त आपूर्ति के लिए रिजर्व बैंक और सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद 2,000 रुपए के नोट छापने के निर्णय के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि ‘यदि नकदी की जमाखोरी और काला धन रोकने के लिए 1000 रुपए के नेट बंद किए गए तो 2000 रुपए के नोट से यह दोनों काम आसान हो गया।’
वेंकटचलम ने दावा किया कि नोटबंदी के 16 महीने के बाद भी एटीएम नए नोटों के अनुरूप नहीं किए जा सके हैं। उन्होंने कहा कि संसद की मंजूरी के लिए लंबित ‘वित्तीय समाशोधन एवं जमा सुरक्षा अधिनियम’ने भी समस्या को बढ़ाया है। उन्होंने सरकार से इस अधिनियम को तत्काल वापस लेने की मांग की। इस बीच एसबीआई ने दावा किया है कि हालात को कल तक सही कर लिया जाएगा। (भाषा)