रेलवे की प्रौद्योगिकी शाखा सीआरआईएस को पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन कार्यों का जिम्मा सौंपा गया है। रेल मंत्रालय में इस योजना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रणाली का प्रयोग अगले 3 महीनों तक बरार स्क्वायर स्टेशन पर किया जाएगा। यदि यह सफल हुआ तो यह प्रणाली ट्रेन के टिकट परीक्षकों और टिकट कलेक्टरों की कमी से निपटने में रेलवे को सक्षम बना सकेगा।
स्वचालित फ्लैप गेट प्रणाली से भीड़ के समय में तीव्र गति से यात्रियों के प्रवेश करने और बाहर निकलने के मामले से निपटा जा सकता है। रेलवे अधिकारी ने बताया कि हमने परीक्षण करने के लिए बरार स्क्वायर स्टेशन को चुना, क्योंकि यहां यात्रियों की भीड़ काफी सीमित होती है।