जम्मू। जम्मू में भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश के 24 घंटों के भीतर ही शहर में 2 विस्फोटों में 9 लोगों के जख्मी होने की घटना के बाद प्रदेश प्रशासन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर परेशान हो उठा है। उसकी परेशानी दोहरी है। पहली यह की यात्रा कश्मीर की ओर बढ़ेगी तो उसकी सुरक्षा कैसे हो पाएगी? दूसरा गणतंत्र दिवस पर आतंकियों द्वारा कुछ बड़ा करने की योजनाएं बनाए जाने की खबरों के कारण।
इस बीच रविवार को राहुल गांधी ने पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कठुआ के हीरानगर से की।
दरअसल जम्मू कश्मीर में 32 सालों से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस समारोह हमेशा ही आतंकियों के निशाने पर रहे हैं।
इस बार सुरक्षाबलों के लिए दोहरा मोर्चा राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवाना भी है। हालांकि उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने यात्रा को पूरी सुरक्षा मुहैया करवाने का आश्वासन दिया है। पर अब अधिकारी इसको लेकर संशय में हैं।
यही कारण था कि प्रदेश के कुछ इलाकों में वे राहुल गांधी को पैदल न चलने की सलाह देने लगे हैं। याद रहे कुछ दिन पहले सुरक्षा एजेंसियों ने राहुल गांधी को जम्मू कश्मीर में यात्रा के दौरान पैदल न चलने की सलाह दी थी। इन अधिकारियों का कहना था कि कई ऐसे इलाके हैं जहां यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवा पाना लगभग असंभव होगा।
पहले यह यात्रा श्रीनगर में 26 जनवरी के दिन लाल चौक में तिरंगा फहराने के साथ समाप्त होनी थी पर अब इसका समापन 30 जनवरी को होना है। प्रशासन की यह सलाह कांग्रेस द्वारा मान ली गई है।
इस बीच रविवार को राहुल गांधी ने पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कठुआ के हीरानगर से की। उनकी इस यात्रा में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री रमन भल्ला सहित कई अन्य नेता भी शामिल हुए। भारत जोड़ो यात्रा सुबह सात बजकर 15 मिनट पर हीरानगर के परशुराम मंदिर के पास से शुरू हुई। यात्रा 45 मिनट में 8 किलोमीटर का सफर तय कर लौंडी मोड़ से सांबा जिले में दाखिल हो गई।
इससे पहले जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह ने हीरानगर मोड़ पर जम्मू कश्मीर के पूर्व वित्तमंत्री, सांसद गिरधारी लाल डोगरा की प्रतिमा पर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। डोगरा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के साथ-साथ भाजपा सरकार के पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के ससुर भी हैं।
हालांकि आतंकी खतरे की खबरों के बारे में कांग्रेसी नेताओं का कहना था कि भारत जोड़ो यात्रा जारी रहेगी, चाहे कुछ भी हो जाए। जानकारी के लिए यात्रा अपने अंतिम चरण में है और इसमें अब तक कई जाने-पहचाने चेहरे शामिल हुए हैं। यात्रा का समापन 30 जनवरी को श्रीनगर में होना है।