शकील अख़्तर
नई दिल्ली। ‘भारत के पास संस्कृति और कलाओं की समृद्ध परंपरा है, दुनिया एक बार फिर इसे विश्व गुरू के रूप में देख रही है। हमारे पास विश्व को देने और दिखाने के लिये बहुत कुछ है। ये कामना है कि राष्ट्रीय नाट्य विद्याल (एनएसडी ) एक ऐसा कला केंद्र बने, जहां भारत दर्शन को आने वाला दुनिया का हर पर्यटक ज़रूर आए।' रविवार की शाम दिल्ली के कामानी ऑडियोटोरियम में संपन्न हुए भारत रंग महोत्सव में ये बात बतौर मुख्य अतिथि पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने कही।
डॉ. महेश शर्मा ने कार्यक्रम में एनएसडी के निरंतर विकास के लिए सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। एनएसडी के परिसर में नए भवन के निर्माण लिए 180 करोड़ रुपए की मंज़ूरी, इसे राष्ट्रीय महत्व का केंद्र घोषित किए जाने के प्रयास और 2018 में एनएसडी के 60 साल पूरे होने पर थिएटर ओलम्पिक के लिए हर संभव सहयोग की घोषणा की।
विद्यालय के निदेशक वामन केंद्रे ने कहा कि देशी-विदेशी नाटकों का ये उत्सव अब कुंभ बन गया है, जहां दर्शक श्रद्धा से रंगमंच में शामिल गतिविधियों और नाटकों को देखने आने लगे हैं। अंत में आभार प्रो. सुरेश भारद्वाज ने जताया।
बीवी कारंत (अनामदास का पोथा), हबीब तनवीर( दुश्मन) ,पंचानन पाठक (थैंक यू बाबा लोचनदास), मोहन उप्रेती (इंद्रसभा), केएन पणिक्कर (छाया शाकुंतल), भास्कर चंद्रवरकर (शरविलक), उषा बैनर्जी,नीलम शर्मा (सैंया भये कोतवाल) ,रंजीत कपूरी ( बेगम का तकिया ) ,वामन केंद्रे गज़ब तेरी अदा), शांता गांधी (जसमा ओड़न) ,कमल तिवारी (करमावाली) और काजल घोष (आधा चांद) के निर्देशित नाटकों और उनके संगीत की यादें ताज़ा कर दीं।