Bilkis Bano Case : सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला, गैंगरेप दोषियों की रिहाई का मामला

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
रविवार, 7 जनवरी 2024 (01:17 IST)
Bilkis bano gang rape case : उच्चतम न्यायालय बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले और 2002 के गुजरात दंगों के दौरान उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में मामले की सुनवाई करते हुए पूछा था कि क्या दोषियों को माफी मांगने का मौलिक अधिकार है।
 
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने 11 दिन की सुनवाई के बाद दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर पिछले साल 12 अक्टूबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखते हुए केंद्र और गुजरात सरकार को 16 अक्टूबर तक 11 दोषियों की सजा में छूट संबंधी मूल रिकॉर्ड जमा करने का निर्देश दिया था।
 
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में मामले की सुनवाई करते हुए पूछा था कि क्या दोषियों को माफी मांगने का मौलिक अधिकार है। उच्चतम न्यायालय ने पहले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार से कहा था कि राज्य सरकारों को दोषियों को सजा में छूट देने में चयनात्मक रवैया नहीं अपनाना चाहिए और प्रत्येक कैदी को सुधार तथा समाज के साथ फिर से जुड़ने का अवसर दिया जाना चाहिए।
इस मामले में बिलकिस की याचिका के साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता सुभाषिनी अली, स्वतंत्र पत्रकार रेवती लाल और लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूपरेखा वर्मा समेत अन्य ने जनहित याचिकाएं दायर कर सजा में छूट को चुनौती दी है। तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने भी दोषियों की सजा में छूट और समय से पहले रिहाई के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है।
 
बिलकिस बानो उस वक्त 21 वर्ष की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं, जब सांप्रदायिक दंगों के दौरान उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था। उसकी तीन वर्षीय बेटी परिवार के उन सात सदस्यों में शामिल थी, जिनकी दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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