दिल्ली में भाजपा को बढ़त, बहुमत पर असमंजस

सोमवार, 12 जनवरी 2015 (20:01 IST)
-सुनील, अनुपमा जैन           

दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है, लेकिन चुनावी पंडितों की मानें तो किसी भी दल की स्पष्ट जीत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस बार मुकाबला मुख्य तौर पर भाजपा और आप पार्टी के बीच नजर आ रहा है। राष्ट्रीय दल होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी अभी तक तीसरे स्थान पर ही नजर आ रही है। केन्द्र में सत्तारुढ़ भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली के सातों लोकसभा सीटें जीतकर निश्चित ही इस चुनावी रेस में बढ़त लिए हुए है। 
हाल के चार विधानसभा चुनावों में भी शानदार प्रदर्शन के बाद भाजपा के हौसले बुलंद हैं और फिर मोदी मैजिक कार्ड पर भरोसा कर पार्टी चुनाव मैदान में उतर रही है, लेकिन पिछली बार से अलग हटकर मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा अभी तक पेश नहीं किया है। मोदी खुद स्टार प्रचारक होंगे, लेकिन अन्य दलों की तरह यह दल भी कलह को झेल रहा है।
 
आप हालांकि भाजपा को कड़ी टक्कर नजर देती नजर आती है, लेकिन पार्टी की अंतर्कलह के साथ  पिछली सरकार अचानक छोड़ देने का धब्बा इस बार उन्हें विश्वसनीय बना पाएगा या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा। भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने, अनेक रियायतें, वादों का पिटारा कितना असर करेगा, मतदाताओं को लुभा पाएगा, इस पर सब की निगाहें रहेंगी। उधर कांग्रेस समर्थकों का भी कहना है कि इस बार तमाम अंतर्विरोधों के बावजूद पार्टी पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन सरकार नहीं बना पाने की बात समर्थक भी  मानते हैं।
 
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की तरह समर्थक भी यही मानते हैं कि चुनाव के बाद अगर किसी दल को बहुमत नहीं मिलता है तो शायद कांग्रेस 'आप' को बाहर से समर्थन देने का फैसला कर सकती है। 
 
गौरतलब है कि आज के चुनावी एलान से पहले ही दिल्ली में चुनावी माहौल शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत रविवार एक रैली में केजरीवाल पर बिना नाम लिए जमकर हमला करते हुए कहा कि वे झूठ फैलाने की फैक्टरी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग रोज नए झूठ बोलते आए हैं और आगे भी बोलते रहेंगे। मोदी ने बिना केजरीवाल का नाम लिए कहा कहा, जो लोग अपने आप को ही 'अराजक' कहते हैं तो ऐसे 'अराजक तत्वों' को जंगल में चले जाना चाहिए। जिन लोगों को धरना देने और आंदोलन करने में महारत हासिल है, उन्हें वही काम दें, हमें अच्छी सरकार चलाने में महारत हासिल है, हमें सरकार चलाने का मौका दें। 
 
सत्तर सदस्यों वाली राज्य विधानसभा के लिए दिसंबर 2014 में हुए चुनाव में भाजपा को 31 सीटों के साथ 33.1% मत मिले थे, दूसरे स्थान पर आप पार्टी को 29.5% वोट और 28 सीटें मिली थीं, कांग्रेस 8 सीटें लेकर 24.6% वोटों पर सिमट गई। बहरहाल दिल्ली के चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प दौर में हो रहे हैं, देखना होगा कि ऊंट किस करवट  बैठेगा। (वीएनआई) 

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