भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि राज्य सरकार ने अप्रैल के महीने में कोरोनावायरस के मरीजों के लिए 'फतेह किट' का ठेका पहले एक कंपनी को 837 रुपए प्रति किट के हिसाब से दिया और इसके बाद अगले कुछ सप्ताह में दो और ठेके 1,226 रुपए प्रति इकाई और 1,338 रुपए प्रति इकाई के हिसाब से दिए गए।
भाटिया ने कहा कि पहले दिए गए ठेके के मुकाबले अंतिम ठेका 60 प्रतिशत अधिक था। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर महामारी के दौरान भी भ्रष्टाचार के रास्ते खोजने का आरोप लगाया। भाटिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह शर्म की बात है कि कांग्रेस महामारी के दौरान भी भ्रष्टाचार कर रही है। उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों को ठेका दिया गया उनके पास अनिवार्य लाइसेंस भी नहीं था। इससे एक दिन पहले विपक्षी पार्टियों शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने भी 'फतेह किट' की खरीद में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
फतेह किट में कोविड-19 के मरीजों के लिए एक पल्स ऑक्सीमीटर, एक थर्मामीटर, फेस मास्क, स्टीमर, सेनिटाइजर, विटामिन सी, जिंक की गोलियां और कुछ दवाएं होती हैं। भाटिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने निजी अस्पतालों को मुनाफा कमाने के लिए टीके बेचे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।(भाषा)