बयान में कहा गया है कि अकेले हरियाणा में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की यह 5वीं घटना है। सबसे पहले जब पहलू खां की हत्या हुई, तो उसके मौत से पहले दिए गए बयान में नामजद 6 अभियुक्तों के नाम बाद में प्राथमिकी (एफआईआर) से हटा दिए गए तथा इस मामले के 3 अभियुक्त जमानत पर बाहर हैं।
पहलू खां की हत्या के समय भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ज्ञानदेव आहुजा का बयान हत्या के पक्ष में आया था। इस घटना में भी वे हत्यारों के बचाव में बयान दे रहे हैं। अकबर की हत्या जिस रामगढ़ क्षेत्र में हुई है, वहां के भाजपा विधायक बनवारीलाल ने बयान दिया है कि मुसलमान किसी काम के लिए उनके दफ्तर में नहीं आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्रियों, सांसदों तथा विधायकों के इस तरह के बयान के चलते ही देश में इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का बयान तो स्वागतयोग्य है, लेकिन उनके गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया का बयान इस तरह की घटनाओं की लीपापोती करने वाला है। दोनों नेताओं ने कहा कि भाजपा नेताओं का इस मामले में बयान संविधान तथा लोकतंत्र के लिए खतरा है। (वार्ता)