13860 करोड़ के कालेधन का खुलासा करने वाला व्यापारी गिरफ्त में

Webdunia
शनिवार, 3 दिसंबर 2016 (22:46 IST)
अहमदाबाद। आय घोषणा योजना (आईडीएस) के अंतिम दिन 30 सितंबर को इसकी समय-सीमा समाप्त होने से मात्र पांच मिनट पहले आधी रात को करीब 13 हजार 860 करोड़ रुपए के कालेधन (सारी नकदी) की घोषणा कर आयकर अधिकारियों तक को कथित तौर पर चकरा देने वाले व्यापारी महेश शाह शिकंजे में आ गए हैं। अपने अजीबोगरीब रवैए से सबको हैरत में डाल देने वाले 67 वर्षीय महेश शाह कई दिनों की रहस्यमय गुमशुदगी के बाद शनिवार शाम अचानक यहां एसजी हाईवे स्थित ईटीवी गुजराती चैनल के स्टूडियो पहुंच गए।
महेश शाह ने आईडीएस के तहत अपनी 13860 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की थी। वो पहली किस्त चुकाने से पहले ही फरार हो गए थे। महेश शाह ने समाचार चैनल को बताया कि मेरे पास 13860 करोड़ रुपए हैं, लेकिन रुपए मेरे नहीं हैं दूसरे के हैं। उनका नाम समय आने पर उजागर करूंगा।
  
13860 करोड़ रुपए की संपत्ति पर टैक्स पर पहली किस्त में 1560 करोड़ रुपए भरने से पहले फरार होने पर महेश शाह ने बताया कि डर के कारण पहली किस्त नहीं भरी। महेश शाह ने कहा कि वे न तो फरार हुए हैं, न ही भागे हैं। महेश शाह ने कहा कि उनका जमीन का कारोबार है। महेश शाह ने कहा कि मैं चाहता हूं कि पूरे मामले में निर्दोष लोगों को न फंसाया जाए, मैं खुद मीडिया के सामने आया हूं। मेरे बारे में अखबारों में गलत बातें छापीं गईं, जो बंद होनी चाहिए। 
 
महेश शाह ने कहा कि मैं पहले 1560 करोड़ की रकम सरकार को देने को तैयार था, पर रुक गया। परिवार की सुरक्षा की गारंटी चाहिए। 13860 करोड़ मेरे नहीं हैं, दूसरे के हैं। मैं डर गया था, इसीलिए सीधे आयकर विभाग के पास नहीं गया। मैं कमीशन के लिए कालेधन को सफेद करने के लिए तैयार हुआ था। महेश शाह जिस वक्त खुलासा कर रहे थे, उसी वक्त आयकर विभाग की टीम स्टूडियो पहुंचकर उन्हें अपने साथ ले गई। 
 
अचानक स्टूडियो पहुंचे : अहमदाबाद निवासी रहस्यमय व्यवसायी महेश शाह कई दिनों की गुमशुदगी के बाद अचानक यहां ईटीवी गुजराती चैनल के स्टूडियो पहुंचे। महेश शाह ने कहा कि वे सभी बातों का खुलासा आयकर विभाग के समक्ष करेंगे और इसी दौरान पुलिस और आयकर विभाग के कर्मियों ने उन्हें स्टूडियो से ही नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उन्हें साक्षात्कार के बीच ही पकड़कर आगे की पूछताछ के लिए सरखेज थाने ले गई, जहां से उन्हें आयकर विभाग को सौंप दिया जाएगा। 
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