BSF जवान ने बचाई दर्जनों साथियों की जान, पाक रेंजर्स की फायरिंग में हुए शहीद

शुक्रवार, 10 नवंबर 2023 (10:41 IST)
Jammu Kashmir news in hindi : जम्मू में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तानी रेंजर्स की अकारण गोलीबारी में मारे गए बीएसएफ के हेड कांस्टेबल लाल फाम कीमा एक 'निडर' सैनिक थे, जिन्होंने एक बार जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) के करीब एक आतंकवादी रोधी अभियान के दौरान अपने दर्जनों साथियों की जान बचाई थी।
 
जम्मू-कश्मीर में 1998 की सर्दियों में एक अभियान के दौरान गूल गांव में मिट्टी के घर के अंदर छिपे एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए कीमा ने अपनी लाइट मशीन गन (LMG) खाली कर दी थी और जोर-जोर से चिल्लाकर कहा था कि 'तुम साला पिन निकालेगा।'
 
उस अभियान को याद करते हुए कीमा के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) ने एक भावनात्मक पोस्ट लिखा, जिसे बीएसएफ के कई अधिकारियों ने सोशल मीडिया मंचों पर साझा किया।
 
भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर्स की बिना उकसावे वाली गोलीबारी में कीमा (50) की मौत हो गई थी। आइजोल के रहने वाले हेड कांस्टेबल कीमा 1996 में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुए थे और वर्तमान में बीएसएफ की 148वीं बटालियन में तैनात थे, जिसे अंतरराष्ट्रीय सीमा की हिफाजत का जिम्मा सौंपा गया है।
 
कीमा के पूर्व सीओ सुखमिंदर ने उन्हें याद करते हुए कहा कि जब उन्होंने सीमा पर एक बीएसएफ जवान की मौत की खबर सुनी, तो इस अकारण गोलीबारी में अपने पुराने सहयोगी के मारे जाने के डर के चलते उनके मन में उथल-पुथल मच गई।
 
पूर्व सीओ ने कहा कि वह युवा अधिकारियों और सैनिकों को बीते कई वर्षों से एलओसी पर लगभग 25 साल पहले चलाए गए एक अभियान के दौरान कीमा द्वारा दिखाई गई बहादुरी और सतर्कता के किस्से सुनाते आ रहे हैं।
 
इस पोस्ट में कहा गया है कि आतंकी मिट्टी के एक घर के अंदर छिपे हुए थे और सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के बाद उन्होंने फिदायिन हमला कर खुद को उड़ा लिया, ताकि आसपास मौजूद बीएसएफ जवानों को भी मारा जा सके। घर के अंदर से धुंआ निकल ही रहा था कि बीएसएफ की टीम उसमें घुस गई और तीन आतंकियों को मृत पाया।
 
पोस्ट में पूर्व सीओ ने कहा कि तभी अचानक जोर से चिल्लाने की आवाज आई कि 'तुम साला पिन निकलेगा।' इसके बाद एलएमजी से जोरदार गोलीबारी हुई और सभी खुद को बचाने के लिए छिपने लगे।
 
पूर्व सीओ ने लिखा, 'गोलीबारी करने वाले कोई और नहीं, बल्कि लाल फाम कीमा ही थे। दरअसल, उन्होंने आखिरी सांसें ले रहे एक आतंकी को ग्रेनेड से पिन हटाते हुए देख लिया था।'
 
उन्होंने लिखा, 'मिट्टी के घर में धमाके के बाद जब बाकी जवान अंदर घुसकर तलाशी में व्यस्त थे, तब कीमा हमेशा की तरह सतर्क रहते हुए सभी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। अपनी सतर्कता के कारण ही उन्होंने ग्रेनेड से पिन निकालते आतंकी को देख लिया था।'
 
पूर्व सीओ के अनुसार, अगर आतंकी पिन निकालने में कामयाब हो जाता, तो दर्जनों सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ती और सफल अभियान के लिए की गई सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाती। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta 

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