BSF on Operation Sindoor : सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक शशांक आनंद ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए ऑपरेशन सिंदूर जारी है और सीमा बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी चौकसी में कोई कमी नहीं आने दी है। उन्होंने सीमा रेखा से घुसपैठ की कोशिशों की आशंका जताते हुए कहा कि बीएसएफ हाई अलर्ट पर है। ALSO READ: BSF IG ने बताया, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राजस्थान पर हुए कितने ड्रोन अटैक?
आनंद ने यहां ऑपरेशन सिंदूर पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम अपनी चौकसी में कोई कमी नहीं आने दे सकते। हम सीमा पर यथासंभव अत्यधिक सतर्कता बनाए हुए हैं। सीमा पर उच्च स्तर की अभियानगत तैयारियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी सूचना मिली थी कि दुश्मन किसी तरह की शरारत, सीमा पार से गोलीबारी या घुसपैठ की योजना बना सकता है। हम तैयार और सतर्क हैं।
आईजी ने कहा कि हमारा मानना है कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ऑपरेशन सिंदूर जारी है। बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैयार और सतर्क है। हम सीमा पर उच्च सतर्कता बनाए रखने के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली अपना रहे हैं। ALSO READ: गांधीनगर में पीएम मोदी बोले, हमने तय कर लिया है कांटे को निकालकर रहेंगे
आनंद ने कहा कि सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी सहित बीएसएफ की महिला कर्मियों ने अग्रिम चौकियों पर तैनात होकर अनुकरणीय साहस दिखाया है। उन्होंने कहा कि हम सांबा सेक्टर में एक चौकी का नाम ऑपरेशन सिंदूर और दो अन्य चौकियों के नाम शहीदों के नाम पर रखने का प्रस्ताव रख रहे हैं। बीएसएफ ने पहले भी घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया है। बल ने गोलाबारी के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 40 से 50 संदिग्ध आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को विफल किया था।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने सियालकोट सेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी की आड़ में सीमा पार करने की कोशिश कर रहे संदिग्ध आतंकवादियों की घुसपैठ की बड़ी कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया है। हमने एहतियाती कदम उठाते हुए हमले किए और भारी नुकसान पहुंचाया। दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा। उनके सैनिक, रेंजर्स और आतंकवादी हताहत हुए।
उन्होंने कहा कि सीमा पार से गोलाबारी की आड़ में घुसपैठ कराने की पाकिस्तान की साजिश के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थीं। दुश्मन ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अपनी सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। लेकिन हमने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि बीएसएफ और सेना बारूदी सुरंग संबंधी खतरों से मिलकर निपट रहे हैं। हम जमीन के हर इंच पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
सात फरवरी को जम्मू फ्रंटियर की कमान संभालने वाले आनंद ने 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद बीएसएफ की कड़ी प्रतिक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कहा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद जवाबी कार्रवाई स्पष्ट थी। पुंछ और राजौरी में नियंत्रण रेखा और जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हमने आक्रामक रुख अपनाया। पाकिस्तानी रेंजर्स ने खुद को चौकियों तक सीमित रखा, जबकि बीएसएफ अग्रिम मोर्चे पर रहा।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने अखनूर, सांबा और आरएसपुरा सेक्टर में लोनी और मस्तपुर सहित कई आतंकवादी लॉन्च पैड नष्ट कर दिए। 9-10 मई को पाकिस्तान ने अखनूर सेक्टर में बिना उकसावे के गोलाबारी की और बीएसएफ चौकियों को निशाना बनाया। जवाब में, हमने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े लोनी लॉन्च पैड पर हमला किया और काफी नुकसान पहुंचाया।
डीआईजी (उप महानिरीक्षक) चित्रपाल सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने ड्रोन का इस्तेमाल किया और विभिन्न हथियारों का इस्तेमाल करके अब्दुल्लियां जैसे गांवों को निशाना बनाया। हमने कई दुश्मन चौकियों, टावर और बंकरों को नष्ट करके जवाब दिया। करीब 72 पाकिस्तानी चौकियों और 47 अग्रिम चौकियों को निशाना बनाया गया। इसके विपरीत, बीएसएफ को संपत्ति या बुनियादी ढांचे का कोई नुकसान नहीं हुआ।
आनंद ने ड्रोन खतरे का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने बीएसएफ चौकियों पर बम गिराने के लिए कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप तीन जवान हताहत हुए। बीएसएफ भारत की पहली रक्षा पंक्ति है। हम उकसाते नहीं हैं, लेकिन किसी भी दुस्साहस का डटकर जवाब देते हैं। हम चौकस और सतर्क हैं।