खबरों के मुताबिक 5 मार्च को ये जैकेट डीजी बीएसएफ को दी गई थी जिसमें इसके 4 परीक्षण किए जाने थे। शरीर के नाजुक अंगों (जैसे हृदय, फेफड़े, किडनी आदि) को निशाना बनाकर मारी गई गोली पर परीक्षण किया जा चुका है। 3 परीक्षणों में ये जैकेट सफल रही है। अब सिर्फ साइड गार्ड का टेस्ट किया जाना है।
जैकेट में 3 स्तरों पर सॉफ्ट और हार्ड आर्म प्लेटें लगाई गई हैं। ये शरीर के अंगों को अधिक सुरक्षित रखते हैं। इसमें कार्बन नैनोटेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है। दावा किया गया है कि इस जैकेट को कार्बाइन, एके-47 और एके-56 की गोली भी नहीं भेद पाएगी।