वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद उनके झगड़े के सार्वजनिक होने पर केन्द्र ने यह निर्णय लिया था। आलोक कुमार वर्मा का केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक के रूप में दो वर्ष का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा है।