नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं कक्षाओं के बचे हुए विषयों की परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित की जाएंगी। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को यह घोषणा की।
निशंक ने कहा, लंबे समय से सीबीएसई की 10वीं और 12वीं कक्षाओं के बचे हुए विषयों की परीक्षाओं की तिथि का इंतज़ार था, आज इन परीक्षाओं की तिथि 1 जुलाई से 15 जुलाई, 2020 के बीच निर्धारित कर दी गई। मैं इस परीक्षा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने बताया कि इस दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड की लंबित परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन विषयों की परीक्षाएं पहले हो चुकी है, उनकी परीक्षा नहीं होंगी। वैकल्पिक विषयों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर होगा। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले मंत्री ने स्पष्ट किया कि 10वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षा केवल उत्तर पूर्व दिल्ली के लिए आयोजित की जाएंगी, पूरे देश के लिए नहीं ।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पिछले महीने ही इस संबंध में अधिसूचित किया था, लेकिन छात्रों एवं अभिभावकों में इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी।
निशंक ने कहा था,उत्तर पूर्वी दिल्ली के छात्रों के अलावा 10वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षा पूरे देश के स्तर पर आयोजित नहीं होंगी। परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को 10 दिनों का समय दिया जाएगा। मंत्री ने स्पष्ट किया था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के छात्रों को उन विषयों की परीक्षा में फिर से उपस्थित होने की जरूरत नहीं है, जिनकी परीक्षा वे दे चुके हैं।
उन्होंने कहा था, ये परीक्षाएं उन छात्रों के लिए आयोजित की जा रही है जो कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण निर्धारित कार्यक्रम के दौरान परीक्षा नहीं दे पाए थे। गौरतलब है कि कोविड-19 के कारण पूरे देश के स्कूल, विश्वविद्यालय 16 मार्च से बंद हैं और परीक्षाएं टाल दी गई हैं। इसके बाद 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जो 17 मई तक है।
कोविड-19 के कारण ही 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा आठ परीक्षा तिथियों को नहीं ली जा सकी थी। सीबीएसई बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि हमने पहले ही अप्रैल में घोषणा की थी कि 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड की लंबित 29 महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षाएं ही ली जाएंगी, लेकिन 10वीं कक्षा में केवल वैकल्पिक विषयों की परीक्षाएं ही ली जानी शेष थी और इन्हें नहीं लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण उत्तर पूर्वी दिल्ली में कुछ महत्वपूर्ण विषयों की परीक्षा टाल दी गई थी और अब ये परीक्षाएं ली जाएंगी।