बेशर्म पाकिस्तान ने फिर बनाया भारतीय चौकियों को निशाना, दो जवान शहीद, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

रविवार, 3 जून 2018 (21:44 IST)
जम्मू। भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के 2003 में हुए समझौते का 'अक्षरश:' पालन करने पर सहमत होने के करीब एक हफ्ते बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने यहां अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे और गोलीबारी की जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी समेत दो जवान शहीद हो गए।
 
पाकिस्तानी रेंजर्स ने अखनूर सेक्टर के प्रगवाल इलाके और नजदीक के कंचक और खौर सेक्टरों में भारी गोलीबारी की और मोर्टार दागे जिसमें एक पुलिसकर्मी और एक महिला समेत 14 लोग जख्मी भी हुए हैं। इस वजह से लोगों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। यहां के निवासियों ने बताया कि गोलाबारी इतनी जबर्दस्त थी कि मोर्टार दागने की आवाज को जम्मू शहर से भी सुना जा सकता था। 
 
बीएसएफ के जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक राम अवतार ने बताया कि पाकिस्तान के सैनिकों ने आधी रात के बाद करीब 1 बजकर 15 मिनट पर पाकिस्तान की ओर से प्रगवाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अग्रिम चौकियों को निशाना बनाकर बिना उकसावे के गोलीबारी की, जिसमें सहायक उपनिरीक्षक एसएन यादव (48) और कांस्टेबल वीके पांडे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्होंने बताया कि दोनों घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। 
 
भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब 
अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ के कर्मियों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। सीमापार से हुई गोलीबारी संघर्षविराम का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि सीमापार से हुई गोलीबारी कंचक और खौर इलाकों तक गई तथा अंतिम रिपोर्ट आने तक गोलीबारी जारी थी। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि शहीदों का अंतिम संस्कार कल उत्तर प्रदेश के उनके पैतृक नगर में किया जाएगा। जम्मू के अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त अरूण मनहास ने बताया कि एक पुलिसकर्मी सहित 14 लोग अखनूर , कंचक और खौर में हुई सीमापार गोलीबारी में घायल हो गए। 
 
लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
मनहास ने बताया कि संघर्षविराम की घटना से प्रभावित लोगों के रहने के लिए हमने सुरक्षित ठिकानों पर छह केंद्र बनाए हैं लेकिन अब तक कोई भी इस शिविर में रहने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि भारी गोलीबारी सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक जारी थी और कुछ क्षेत्रों में एक बजे तक रुक-रुककर गोलीबारी हुई। भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने 29 मई को जम्मू कश्मीर में सरहद पर गोलीबारी की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए 2003 के संघर्षविराम समझौते को अक्षरश: लागू करने पर सहमति जताई थी। 
 
संघर्षविराम पर हुई थी बातचीत 
विशेष हॉट लाइन पर हुई बातचीत में दोनों कमांडरों ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी की थी। हॉटलाइन पर बातचीत करने की पहल पाकिस्तानी डीजीएमओ ने की थी। बातचीत भारत के डीजीएमओ ले. जनरल अनिल चौहान और पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के बीच हुई थी। इसके बाद दोनों सेनाओं ने एक जैसा बयान जारी कर के कहा था कि दोनों पक्ष 15 साल पुराने संघर्षविराम समझौते को लागू करने पर सहमत हैं। (भाषा)

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