महापंजीयक और जनगणना आयुक्त ने एनपीआर प्रक्रिया को लेकर चल रहे विवाद के बीच कहा कि जनगणना के आंकड़े गोपनीय हैं और इसे कानून के तहत गारंटी मिली हुई है और जो लोग इसका उल्लंघन करेंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा।
RGI ने कहा कि आपके डाटा की गोपनीयता को जनगणना कानून, 1948 के तहत गारंटी मिली हुई है और इसी कानून में नियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले लोगों और जनगणना अधिकारियों के लिए जुर्माने का भी प्रावधान है।
RGI ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारतीय जनगणना दुनिया में सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय कार्य है जिसमें 30 लाख से अधिक लोग कार्य करते हैं और इसमें करीब 8,700 करोड़ रुपए का खर्च आता है। जनगणना, 2021 का घर सूचीबद्ध करने का चरण 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 तक चलेगा।
जनगणना की संदर्भ तारीख 1 मार्च 2021 है लेकिन बर्फबारी वाले राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए यह 1 अक्टूबर 2020 होगी। कुछ राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि वे अब एनपीआर में हिस्सा नहीं लेंगे। केरल और पंजाब की विधानसभाओं ने एनपीआर के विरोध में प्रस्ताव पारित किए हैं।